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IMPORTANCE OF SHEETLA ASTAMI

श्री शीतलाष्टमी

श्री शीतलाष्टमी

शीतला अष्टमी जिसे बसोड़ा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। शीतला अष्टमी की पूजा हर साल चैत्र मास की अष्टमी तिथि के दिन की जाती है। ऐसी मान्यता है कि शास्त्रों के अनुसार, मां शीतला की आराधना बच्चों को दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाती हैं। माता शीतला की आराधना से व्यक्ति को बीमारियों से मुक्ति मिलती है। इस दिन शीतला माता को बासी भोजन का भोग लगाने की परंपरा है। 

इस बार शीतला अष्टमी 2 अप्रैल मंगलवार के दिन है। शीतला अष्टमी के दिन ताजा भोजन नहीं पकाया जाता है। इसलिए आप सोमवार में ही शीतला अष्टमी की पूजा के लिए भोजन तैयार कर सकते हैं। एक दिन पहले ही आप मीठे चावल, राबड़ी, पुए, हलवा, रोटी आदि पकवान तैयार किए जाते हैं। जिनका भोग अगले दिन यानी शीतला अष्टमी के दिन देवी को चढ़ाया जाता है। बासी भोजन को ही लोग ग्रहण करते हैं।

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