शीतला अष्टमी के दिन घर में झाड़ू लगाने की मनाही होती है. शीतला अष्टमी के दिन नए कपड़े या फिर डार्क कलर के कपड़े पहनने से बचना चाहिए. इस दिन मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. मान्यताओं के अनुसार, शीतला अष्टमी के दिन सुई में धागा नहीं डालना चाहिए और न ही सिलाई करनी चाहिए ।
कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है।
श्रुति पति पादित यज्ञो को श्रौत यज्ञ और स्मृति प्रतिपादित यज्ञो को स्मार्त यज्ञ कहते है।
महामारी जैसे रोगों से मिलती है मुक्ति ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी दीपावली के बाद आती है।
18 अक्टूबर को तुला संक्रांति पर्व रहेगा। इस दिन सूर्य दक्षिण गोल में चला जाता है। सूर्य के बदलाव के कुछ ही दिनों बाद शरद ऋतु खत्म हो जाती है और हेमंत ऋतु शुरू होती है। अब सूर्य 17 नवंबर तक सूर्य तुला राशि में रहेगा।
नवरात्रि में अनुष्ठान कर्ता को स्नान करके पवित्र होकर आसन - शुद्धि करके एक ताम्रपात्र में शुद्ध जल व पूजन सामग्री रखें, ललाट पर भस्म, चन्दन अथवा
Rudraksha has mythologically been given a lot of values for its divine personification of Lord Shiva.
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