वैवाहिक बंधन में बंधने के लिए अच्छा समय है। आपको प्यार में ग़म का सामना करना पड़ सकता है। दफ़्तर में जिसके साथ आपकी सबसे कम बनती है, उससे अच्छी बातचीत हो सकती है। बिना किसी को बताए आज आप अकेले वक्त बिताने घर से बाहर जा सकते हैं। लेकिन आप अकेले तो होंगे लेकिन शांत नहीं आपके दिल में आज के दिन कई चिंताएं हैं होंगी। किसी के प्रभाव में आकर आपका जीवनसाथी आपसे झगड़ सकता है, लेकिन प्यार और सद्भाव से मामला सुलझ जाएगा।
हमारे बड़े बुजुर्ग हमे हमेशा एक सीख देते थे कि 'जितनी चादर होती है, व्यक्ति को उतने ही पैर पसारने चाहिए', और इस सप्ताह आपकी राशि के लिए भी ये मुहावरा बिलकुल सही बैठने वाला है। क्योंकि इस दौरान आपको ख़र्च करने से बचते हुए, खुद पर नियंत्रण रखने की सबसे अधिक ज़रूरत होगी। इस दौरान आप अपने परिवार के लोगों के साथ मिलकर समाज के हित के लिए कोई कार्य कर सकते हैं, जिससे आपके मान और सम्मान में अत्यधिक वृद्धि होगी। आपकी चंद्र राशि से बृहस्पति के तीसरे भाव में होने के कारण इस दौरान आप धार्मिक कार्यों में भी, बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते दिखाई देंगे। वो जातक जो किसी भी तरह के रचनात्मक कार्यों से जुड़े हैं, उन्हें इस सप्ताह कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि संभावना है कि आप इस दौरान अपनी क्षमता को लेकर कुछ, असमंजस की स्थिति में आ सकते है। इससे आपके अंदर अपने करियर को लेकर असुरक्षा की भावना भी देखी जाएगी। इस राशि के कुछ छात्र, जो विदेशों में जाकर पढ़ने का सपना देख रहे थे, उन्हें इस सप्ताह किसी शुभ समाचार मिलने के योग बन रहे हैं।
आपकी राशि के स्वामी बृहस्पति का तीसरे भाव के स्वामी शुक्र के साथ राशि परिवर्तन करना तो अनुकूल है। लेकिन आपकी राशि में महीने की शुरुआत से ही सूर्य, शनि, बुध, शुक्र और राहु पांच ग्रहों का प्रभाव रहेगा जिससे स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहने की प्रबल संभावना है। आपको सिर दर्द, बदन दर्द, बुखार, जोड़ों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। पंचम भाव में 3 अप्रैल से मंगल महाराज का प्रवेश अपनी नीच राशि में होने के कारण आपको पेट से जुड़ी समस्याएं दे सकता है। इसके अतिरिक्त, त्वचा अथवा छाती से जुड़ी समस्याएं भी आपको परेशान कर सकती हैं। शनि महाराज की दृष्टि भी आपकी राशि के स्वामी बृहस्पति पर रहेगी जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अनुकूल नहीं कहीं जा सकती है और आपको स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर खर्च करना पड़ सकता है। अच्छी बात यह है कि सूर्य महाराज, जो आरोग्य के कारक ग्रह हैं, 14 अप्रैल से आपके दूसरे भाव में उच्च राशि के हो जाएंगे। ऐसे में, आपकी स्वास्थ्य समस्याओं में कुछ कमी आएगी। लेकिन, सूर्य भी छठे भाव के स्वामी और मजबूत होने के कारण स्वास्थ्य समस्याएं दूसरी ओर बढ़ा भी सकते हैं। आपकी आंखों में समस्या, दांत में दर्द, मुंह में छाले होने जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए इस पूरे महीने आपको अपने खानपान और अन्य आदतों पर ध्यान देना होगा ताकि आपकी समस्याएं बढ़ने न पाएं और आप सही समय पर शारीरिक समस्याओं से मुक्ति प्राप्त कर सकें। दशम भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज पूरे महीने आपके तीसरे भाव में विराजमान रहेंगे और वहां से आपके सप्तम भाव, नवम भाव और एकादश भाव को देखेंगे जिससे नौकरी में आपकी स्थिति अनुकूल रहेगी। महीने के शुरुआती 2 दिनों में मंगल महाराज चौथे भाव में बैठकर दशम भाव को देखेंगे जिससे आपके स्वभाव में उग्रता कार्यक्षेत्र में समस्या को जन्म दे सकती है। लेकिन, 3 अप्रैल से वह पंचम भाव में चले जाएंगे और ऐसे में, नौकरी बदलने के योग प्रबल हो सकते हैं। आप अपनी नौकरी में अपने साथ काम करने वाले सहकर्मियों से अच्छा और भला व्यवहार करेंगे। इसका आपको पूर्ण प्रतिफल मिलेगा और उनके सहयोग से कार्यक्षेत्र में आपके प्रदर्शन में भरपूर सुधार देखने को मिलेगा। बृहस्पति महाराज की दृष्टि आपके भाग्य भाव और आपके आय भाव पर होने के कारण आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी। कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति एक मजबूत स्थिति में बदल सकती है और आपको आपके वरिष्ठ अधिकारियों का भी सहयोग और सानिध्य मिलेगा जिससे नौकरी में स्थिति अच्छी बनी रहने की संभावना होगी। छठे भाव के स्वामी सूर्य महाराज महीने की शुरुआत में आपकी राशि में और 14 तारीख से अपनी उच्च राशि मेष में आपके दूसरे भाव में होंगे। इसके परिणामस्वरूप, नौकरी में आपको अच्छी पदोन्नति भी मिल सकती है और बड़ा लाभ मिल सकता है। व्यापार करने वाले जातकों के सप्तम भाव में केतु महाराज की उपस्थिति और आपकी राशि से सप्तम भाव पर पांच ग्रहों का प्रभाव व्यापार में उतार-चढ़ाव लाएगा। लेकिन, आप कोई नया व्यापार शुरू कर सकते हैं या एक साथ व्यापार में कुछ नई गतिविधियों को संचालित करेंगे जिससे आपको फायदा होगा और व्यापार में अच्छी उन्नति देखने को मिल सकती है।
सलाह: आपको अपनी राशि के स्वामी ग्रह देवगुरु बृहस्पति के पीले पुखराज रत्न को सोने की मुद्रिका में जड़वाकर शुक्ल पक्ष के गुरुवार को दोपहर के समय में अपनी तर्जनी अंगुली में धारण करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, बृहस्पति देव के बीज मंत्र का जाप करना भी आपके लिए बहुत लाभदायक रहेगा। यदि संभव हो, तो गुरुवार के दिन पीपल वृक्ष लगाएं और उसके बाद हर बृहस्पतिवार को पीपल वृक्ष को छुए बिना उसे जल दें। श्री हनुमान जी की पूजा करने से आपके सभी काम बनेंगे।